BSF के एडीजी मुकुल गोयल को बनाया गया यूपी का नया डीजीपी, 1987 बैच के IPS की ये है खासियत

सीमा सुरक्षा बल (BSF) में एडीजी ऑपरेशंस के पद पर तैनात 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल (Mukul Goyal) बने उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी है।

UP DGP Mukul Goyal

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल (Mukul Goyal) को राज्य का नया डीजीपी बनाया है। हितेश चंद्र अवस्थी और अरुण कुमार के बुधवार को रिटायर होने के बाद 1986 बैच के नासिर कमाल मुकुल से सीनियर थे‚ लेकिन राज्य सरकार ने नासिर के स्थान पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) में एडीजी ऑपरेशंस के पद पर तैनात मुकुल पर भरोसा जताते हुए उनको प्रदेश पुलिस का मुखिया बनाया है।

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इससे पहले बुधवार को सुबह डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने अपना पदभार एडीजी कानून–व्यवस्था प्रशांत कुमार को सौंप दिया था‚ तब तक राज्य सरकार ने नये डीजीपी के नाम का ऐलान नहीं किया था।

कौन हैं मुकुल (Mukul Goyal)?

मुज्जफरनगर के पास

शामली जनपद के रहने वाले महेंद्र कुमार गोयल के बड़े पुत्र मुकुल (Mukul Goyal) की पहचान तेजतर्रार अफसरों में होती है। 7 फरवरी‚1964 को जन्मे मुकुल ने इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग में बीटेक के अलावा एमबीए की पढ़ाई भी की है। उनका 15 दिसंबर‚ 1987 को भारतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ था। उनको समाजवादी पार्टी की सरकार में एडीजी कानून–व्यवस्था बनाया गया था। हालांकि‚ कुछ समय बाद ही उनके स्थान पर दलजीत सिंह चौधरी को यह जिम्मेदारी सौंप दी गयी थी।

इसके बाद वर्ष 2016 में सपा सरकार के कार्यकाल में ही मुकुल (Mukul Goyal) केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद वरिष्ठता के आधार पर ही डीजीपी का चयन होता आया है। इसी वजह से मुकुल गोयल (Mukul Goyal) को इस पद की रेस में आगे माना जा रहा था।

दरअसल मंगलवार को मुकुल (Mukul Goyal) ने लखनऊ आकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी‚ जिसके बाद उनकी ताजपोशी की चर्चा तेज हो गयी थी। दरअसल‚ सोमवार को नई दिल्ली में यूपीएससी के अधिकारियों के संग बैठक में डीजीपी को लेकर तीन वरिष्ठ आईपीएस के नामों पर सहमति बनी थी‚ जिसके बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करा दिया गया था।

बुधवार सुबह से ही नये डीजीपी के नाम की घोषणा का इंतजार ही था कि हितेश चंद्र अवस्थी ने एडीजी कानून–व्यवस्था को अपना चार्ज सौंपने की औपचारिकता पूरी कर दी। उन्होंने कोरोना संकट की वजह से बिना किसी परेड आदि के सेवानिवृत्त होने का निर्णय लिया।

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